@ रतनपुर के पास पेंडरवा गांव का है मामला, आदिवासी समाज के लोग पहुंचे कलेक्टोरेट


बिलासपुर। जिले के बिल्हा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पेंडरवा (उ) की वर्तमान सरपंच अंजनी बाई पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित पद पर चुनाव लड़ने और निर्वाचित होने का गंभीर आरोप लगा है। सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर जांच नहीं हुई तो समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।

सरपंच के सभी रिकॉर्ड में ओबीसी (ढीमर) जाति: आयुष सिंह


सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश सचिव आयुष सिंह राज ने बताया कि अंजनी बाई का मूल निवास स्थान मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पोड़ी (सीपत) है और वे धीवर (ढीमर) जाति से संबंध रखती हैं, जो कि छत्तीसगढ़ शासन की जाति सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल है। इसके बावजूद, उन्होंने मुंगेली जिले के लोरमी तहसील के ग्राम निवासखार का बैगा जनजाति के नाम से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर पंचायत चुनाव में आदिवासी आरक्षित पद पर नामांकन दाखिल किया और निर्वाचित हो गईं। प्रदेश सचिव ने दावा किया कि अंजनी बाई और उनके परिजनों के सभी प्रशासनिक और राजस्व दस्तावेज जैसे बी-1, भू-अभिलेख, दाखिल-खारिज, मिशल बंदोबस्त में स्पष्ट रूप से धीवर जाति दर्ज है। ऐसे में उनका बैगा जनजाति का दावा पूरी तरह फर्जी है और यह आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित पद पर निर्वाचित होना न केवल सामाजिक अन्याय है, बल्कि यह पंचायत चुनाव की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। प्रदेश सचिव ने कहा कि मकई बार प्रशासन को आवेदन सौंपा गया है। प्रशासन को चेतावनी दी है कि 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं होती, तो समाज जिला मुख्यालय में सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।
