बेलसरी में गायत्री परिवार गोष्ठी और वृक्षारोपण में शामिल हुए संभाग भर से परिजन
1 से 4 फरवरी 2025 को बेलसरी में होगा 24 कुण्डी गायत्री महायज्ञ
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बेलसरी तखतपुर। गायत्री तपोभूमि मथुरा से पधारे हुए रविंद तिवारी ने कहा कि यज्ञ के लिए पहले साधकों का चयन, वस्तुओं का चयन होगा फिर इन सब को भगवान को समर्पित करते है। जिससे अच्छी तरीके से संपन्न हो सकेगा। यज्ञ चार प्रकार का होता है। 1/ उपचार परक यज्ञ, 2/अपचार मूलक यज्ञ, 3/परिष्कार परक यज्ञ, 4/मनोवैज्ञानिक यज्ञ। श्रृंगी ऋषि के यज्ञ से राम पैदा हुए थे। समाज के नवनिर्माण के लिए परिष्कार परक यज्ञ आवश्यक है। आदि गुरु शंकराचार्य ने तीन जगह श्रीयंत्र रखाये था, जिसमे बद्रीनाथ, तिरुपति बालाजी और पद्मनाभ मंदिर शामिल है। पूरी दुनिया को “धियो यो न: प्रचोदयात” की बातें बताना होगा, इसका अर्थ है बुद्धि को अच्छे कर्म में लगाइए। श्रेष्ठता का चयन कर साधक का निर्माण करें। दुर्योधन और युधिस्ठिर दोनों एक ही गुरु से पढ़े थे, पर अपना अपना नजरिया था। जिसका जिस प्रकार नजरिया रहेगा वह उसी प्रकार हो जायेगा। निस्कृस्त बातों को छोड़िए और भलाई की बातें करिए। संस्कृत भाषा को अपनाना होगा। बच्चों को साहित्य का पठन निरंतर कराना चाहिए। पौधो को जड़ में पानी देने से हरा भरा होता है ठीक इसी प्रकार सभी लोगों को सनातन का मंत्र गायत्री मंत्र का जप करना ही श्रेष्ठ है। साथ ही मथुरा से आए श्री राम लाल यादव जी ने मथुरा में बन रहे भव्य मंदिर के सहयोग के लिए बताया। गोष्ठी को बांके बिहारी दुबे, सीताराम श्रीवास, राजाराम दुबे, लखन श्रीवास, नंदनी पाटनवर, हेमराज वैश्य, शत्रुहन कश्यप, रामकुमार श्रीवास आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन रामकुमार श्रीवास एवम आभार प्रदर्शन लक्ष्मी श्रीवास ने किया।
वृक्षारोपण कर निकली नशा मुक्ति रैली
सुबह गायत्री परिवार के लोगों के द्वारा मां भगवती के नाम पर वृक्षारोपण किया गया। उसके बाद रैली के स्वरूप में जन जागृति रैली निकाली गई। जिसमे महिलाएं, पुरुष तथा बच्चे भरी उत्साह के साथ शामिल हुए।
इस अवसर पर रामकुमार श्रीवास , श्रीमती नंदनी पाटनवर, ट्रस्टी हेमराज वैश्य, ईश्वर भारती,केके श्रीवास, सुशील यादव, रानू साहू, भानमती कोरी, मनोरमा कोरी, योगेश्वरी थवाईत, श्रीवास समाज के कोषाध्यक्ष पत्रकार संतोष श्रीवास बिलासपुर, उधोराम प्रजापति सेंदरी, साधुराम कौशिक सेंदरी, रामकुमार कौशिक ढनढन, सुरेश साहू भूजदी, नोहर प्रसाद साहू कोना, राधे लाल पटेल ठकुरिकापा, शिवराम गुप्ता तखतपुर, लक्ष्मी पटेल, शशि पटेल, राधेश्याम पटेल निरतु, रोमा साहू कोटा सुकून साहू नागोरी सरोजिनी अश्वनी कौशिक नगोई प्रमिला कौशिक नगोई, जेनिक राम साहू, जागेश्वर प्रसाद साहू मरही कपा, जगरू राम साहू जरेली, बेलसरी से मुन्ना श्रीवास, राजाराम दुबे, सीताराम श्रीवास, लक्ष्मी श्रीवास, बांके बिहारी दुबे, देव प्रसाद शर्मा, प्रदीप कौशिक, संदीप यादव, रामकुमार यादव, धर्मेंद्र यादव, नर्मदा रजक, श्रीमती बृहस्पति श्रीवास, ममता, ज्योति, रोशनी, गुड्डी, मधु, अंजू, बसंती, संतोषी कैवर्त सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।