प्रदेश में भारी विरोध के बीच कई जगहों पर खुल चुके है चखना दुकान, मदिरा प्रेमियों की नाराजगी कही भारी न पड़ जाए प्रदेश सरकार को,,,
विशेष रिपोर्ट
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। दारू बंद करने का गंगाजल की कसम खाने वाली कांग्रेसी सरकार सत्ता से बाहर हो गई है परंतु उस वक्त विपक्ष में रही बीजेपी इस्तीफे की मांग करते करते सत्ता में आ गई और बीजेपी खुद डीसीपी पार्टी याने सत्ता में आते ही दारू चखना पार्टी बन गई है। सत्ता में आते ही देशी विदेशी शराब के दामों में बढ़ोत्तरी कर दी फिर तुरंत कमाई का जरिया बना कर शराब दुकानों में लाइसेंसी चखना दुकान खोलवा दी। अब लोग कहने लगे है की मुख में राम और बगल में छुरी वाली पार्टी बन गई है बीजेपी। यही नहीं लोगों की जुबान पर इस पार्टी का नाम बीजेपी नहीं डीसीपी हो गई है। शहर के मंगला, अशोकनगर, पुराना बस स्टैंड, बसोड मोहल्ला सहित कई शराब दुकान के पास गंदगी और बड़े बड़े गड्ढों से लोग परेशान है। मजबूरी वश लोगों को जाना पड़ता है। प्रदेश में कई जगह चखना दुकान का शुरूआत से ही विरोध हुआ फलस्वरूप वहां पर चखना दुकान चालू ही नही हो सका, वही कई जगहों पर चखना दुकान शुरू होने के बाद लगातार मारपीट, विवाद और ओवर रेट के कारण बंद करना पड़ रहा है। चखना दुकानों में 50 पैसे के डिस्पोजल और 50 पैसे का पानी पाउच को 5 रुपए में बेचा जा रहा है। शराब प्रेमी ज्यादा मूल्य पर तो शराब पी ही रहे है, वही चखना दुकान तो लूट का अड्डा बन चुका है। चखना दुकान के विरोध में खुद भाजपा के तेजतर्रार नेता तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने विधान सभा में अपनी ही पार्टी को चखना दुकान निरस्त करने की मांग कर एक बार फिर बाजार गर्म कर दिया है।
चखना सेंटर तोड़कर निरस्त करे सरकार : धर्मजीत सिंह
तखतपुर विधायक और तेजतर्रार भाजपा नेता धर्मजीत सिंह ने विधानसभा में मांग की है कि शराब दुकानों के पास आबंटित किए जा रहे चखना सेंटर को तोड़ा जाए और इसे निरस्त किया जाए। विधानसभा में शराब नीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शराब के अवैध धंधे पर लगाम लगाने की काम विष्णु देव साय की सरकार ने किया है। इसके लिए सरकार बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि होलोग्राम और ओवर रेट जेसे मामलों में सख्ती की जानी चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि पहले चखना सेंटर सिफारिश में दिए जाते थे। इसका कोई सरकारी रिकार्ड नहीं होता था। अब सरकार ने इस टेंडर के जरिए देने का निर्णय लिया है इससे मैं असहमत हूं, इससे माताओं बहनों का उस इलाके से गुजरना मुश्किल हो गया है। इसलिए इन्हें तत्काल तोड़ा जाना चाहिए। इसके टेंड से मिलने वाले सौ डेढ़ सौ करोड़ रूपए नहीं मिलेंगे तो सरकार का बाल बांका नहीं होगा।
कांग्रेस की सरकार थी तब दारू बंद की मांग करने वाले दारू के साथ चला रहे चखना सेंटर
बिलासपुर के पूर्व विधायक और शिक्षाविद शैलेश पांडे ने कहा की शराब नीति और शराब बिक्री का विरोध करने वाली बीजेपी सरकार अब पूरे प्रदेश को शराब में डूबो रही है। अब खुद शराब बेच रही है और पिला भी रही है। इस तरह दोहरा चरित्र अपना रही है छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार। मुनाफाखोर हो चुकी है बीजेपी सरकार। इन्हे हर चीज में मुनाफा कमाने की आदत हो चुकी है।
50 पैसे का डिस्पोजल और पानी 5 रुपए में,,,
एक शराब प्रेमी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अब सरकार चखना दुकानों को ठेका में दे दिए है। जो डिस्पोजल बाहर 1 रुपए में मिलता है उसे चखना दुकान में 5 रुपए में बेचा जा रहा है। कमोबेश यही हाल पानी पाउच का भी है। जो पानी पाउच बाहर चिल्हर में 1 रुपए में मिलता है उसे यहां पर 5 रुपए में बेचा जा रहा है। बाहर से समान लाने की अनुमति नहीं होने के कारण लोग मजबूरीवश इस चखना दुकान में जाकर लूटा रहे है।
कर्मचारी करते है हुज्जतबाजी
चखना दुकान में काम करने वाले कर्मचारी खुद कई तरह के नशे किए होते है। आम लोगों से हुज्जतबाजी के साथ दादागिरी भी करते है। मंगला स्थित शराब भट्ठी में प्रतिदिन हुज्जतबाजी के नजारे आम हो चुके है।
तखतपुर में बदबूदार रोड से होकर जाना पड़ता है शराब दुकान
तखतपुर का एकमात्र शराब दुकान जो खेत खलिहान के बीच स्थित है। शराब दुकान पहुंच वाले मार्ग पर कचरों का डंप स्थान बन चुका है। शराब दुकान के पास रोड पर चिकन सेंटर के अपशिष्ठ को डाला जा रहा है। मदिरा प्रेमियों को इस बदबूदार रोड से गुजर कर शराब खरीदना पड़ रहा है। सत्ता परिवर्तन के बाद तखतपुर में विकास की आस जगी थी, मगर वह भी धरी की धरी रह गई है। कमोबेश बिलासपुर संभाग के सभी शराब दुकानों में गंदगी की भरमार है। करोड़ों रुपए राजस्व देने के बाद भी शराब दुकान में गंदगी समझ से परे है।
चखना दुकानों में हो रहा मनमानी