सत्यनारायण व्रत कथा के समान ही फलदायी है “श्री गायत्री व्रत कथा” का पूजन : डा. पाठक
रामकुमार श्रीवास गुरुजी द्वारा स्वरचित पुस्तक “श्री गायत्री व्रत कथा” का हुआ विमोचन
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। गायत्री शक्तिपीठ बिलासपुर में आयोजित “श्री गायत्री व्रत कथा” पुस्तक के विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डा. विनय कुमार पाठक ने कहा कि छत्तीसगढ़ी प्रज्ञागीत लोक छंद में लिखना बहुत ही कठिन कार्य है, लेकिन उसको भी रामकुमार श्रीवास जी ने अपने द्वितीय पुस्तक छत्तीसगढ़ी प्रज्ञा गीत में बहुत ही सरल तरीके से लोकगीत के माध्यम से लिखा है। मैं प्रदेश के सभी कविताकारों, साहित्यकारों से निवेदन करूंगा की लोक छंद में इतना लिखे की लोक छंद भी जन सामान्य के लिए ही भाषा बन जाए। मै रामकुमार जी को इनके तृतीय पुस्तक श्री गायत्री व्रत कथा के लिए बधाई शुभकामनाएं देता हूं, यह पुस्तक सत्यनारायण व्रत कथा के समान पवित्र और फलदाई है। आगे भविष्य में सभी साहित्य सम्मेलनों में उन्हें आमंत्रित करता हूं। कार्यक्रम का सफल संचालन शीतल पाटनवर ने तथा आभार प्रदर्शन द्वारिका पटेल ने किया।
गुरुदेव के प्रेरणा से लिख पा रहा हूं पुस्तकें : रामकुमार
किसने क्या कहां,,,,
“समालोचक होना बुरी बात नहीं है। रामकुमार जी कवि बहुत अच्छे है और आदमी भी अच्छे है। परम पूज्य गुरुदेव की कृपा है जिसके कारण ही इस कृति की रचना की है। गुरुदेव जी के ज्ञान को बांटना ही गायत्री परिवार का कार्य है : पंडित गिरधर शर्मा”
“कविता के माध्यम से साहित्यकार बुधराम यादव ने गुरुदेव के लिए कहा कि जिनकी अंतरात्मा में निज का अभिमान ना हो,,,उपस्थित जनों ने जमकर ताली बजा कर स्वागत किया। “
“शत्रुहन कश्यप ने पुस्तक विमोचन के अवसर पर अपने सुरीले कविता के माध्यम श्री रामकुमार श्रीवास के लिए स्वरचित कविता का पाठ किया,,,सरल सहज श्रीवास गुरुजी बिलकुल भोले भाले है,,, लोगों ने इस कविता की जमकर तारीफ भी किया। वही शत्रुहन कश्यप जी ने अपनी लिखित कविता को श्री रामकुमार श्रीवास जी को भेंट किया।”
श्री गायत्री व्रत कथा को घर घर पहुंचाने के लिए गायत्री परिवार के साथ सभी घरों में पहुंचाया जाएगा। श्री रामकुमार श्रीवास जी बिलकुल ही सरल व्यक्तित्व के धनी है, उनके लेखनी में भी सरलता और सहजता झलकती है : शीतल पाटनवार
“गुरुदेव तुम्हारे चरणों में,,,छत्तीसगढ़ी प्रज्ञा गीत,,के बाद तीसरी पुस्तक गायत्री कथा का विमोचन के लिए मैं बधाई देता हूं। साहित्य की भाषा में रामकुमार जी पारा के सामान है, जो आकार तो बदल सकता है पर अपनी प्रकृति नही बदलता है : डा. महेश श्रीवास “
“हम बदलेंगे, युग बदलेगा, कब होगा जब विचार बदलेगा, विचार कब बदलेगा जब अच्छे साहित्य लिखा जायेगा, पढ़ा जायेगा। इस तरह के साहित्य के लिए मैं रामकुमार श्रीवास को बधाई शुभकामनाएं देता हूं : डा. राघवेंद्र दुबे”
“गायत्री मंत्र की उपासना, साधना करने वाला कभी दुखी नहीं हो सकता है। 60 से अधिक पुस्तक लिखने में मुझे गायत्री माता का बहुत बड़ा योगदान और प्रेरणा रहा है : इंजी बृजेश सिंह “
“गायत्री मंत्र सभी के लिए है, सुआ गीत के माध्यम से सुंदर ढंग से गुरुदेव के कार्य को गा कर बताया। उन्होंने रामकुमार श्रीवास जी के द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी प्रज्ञा गीत के गानों को गा सुनाया और रामकुमार जी को श्री गायत्री व्रत कथा के लिए बधाई देती हुं : श्रीमती जे लाल”
“गायत्री मंत्र ब्राम्ही है, सभी देवता भी इस मंत्र को जपते है। इस पुस्तक श्री गायत्री व्रत कथा दीपक के समान है, जो सभी को प्रकाशमान बनाएगी : नंदनी पाटनवर “
इस अवसर पर हेमराज वैश्य, प्रमोद पाटनकर, शत्रुहन कश्यप, उधोराम प्रजापति, श्रीमती जागेश्वरी साहू, आशा सुल्तानिया, सविता तिवारी,शकुंतला पाटनवार, पत्रकार संतोष श्रीवास, मोहन दास मानिकपुरी, आरजी कश्यप, बीपी निषाद, डा एस दास, विष्णु कुमार तिवारी, द्वारिका प्रसाद पटेल, बाल गोविंद अग्रवाल, लक्ष्मी प्रसाद पटेल, घनश्याम साहू, ईश्वर साहू, परमेश्वर कौशिक, भुवनेश्वर श्रीवास, माखन लाल नागेश, रण जीत सिंह गढ़ेवाल, बुधराम यादव, राम प्रसाद, गणेश श्रीवास, प्रकाश यादव सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।