सीजीपीएससी घोटाला :@ रिश्तेदारों को पहले ही बांट दिए गए थे पेपर, @जांच के बाद खुल सकता है भाई_भतीजावाद का पिटारा, पूर्व अध्यक्ष, सचिव के घर पड़े छापे

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रायपुर। पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में हुए सीजीपीएससी 2021 और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2019 के कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने तेज कर दी है। 9 जुलाई को दर्ज कराई गई fir के अनुसार 2019 में की गई 1384 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भी गड़बड़ी की गई है। पहले तो इस परीक्षा में अनुपस्थित अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया वहीं एक ही परीक्षा केंद्र में बैठे 50 अभ्यर्थियों में से 36 लोगों को भी असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया गया इसमें सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष रहे टामन सिंह सोनवानी कुछ अधिकारियों व कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों का नाम भी शामिल है। इतना ही नहीं इस परीक्षा से लेकर सीजीपीएससी 2021 में भी अफसर की भर्ती में गड़बड़ी की गई और अपने रिश्तेदारों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संबंधियों को पहले ही प्रश्न पत्र उपलब्ध करवा दिया गया।

सीबीआई ने तेज की कार्रवाई

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाले की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को सीबीआइ ने पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक रायपुर-भिलाई स्थित ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की। अधिकारियों के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। रायपुर और भिलाई में एक साथ कार्रवाई चल रही है। भिलाई में पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव के आवास पर छापा मारा गया।

सीबीआइ ने तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी, सचिव ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी जैसे विभिन्न पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप में एफआइआर दर्ज की है। आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी के बेटे नितेश को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल को डीएसपी और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू को कथित तौर पर ड्यूटी कलेक्टर के रूप में चुना गया था साथ ही दीपा अजगले आल जो की सोनवानी की भाई बहू है उन्हें जिला आबकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
सीजीपीएससी 2021 परीक्षा की हो रही जांच: सीबीआई का वक्त ने बताया कि सीजीपीएससी के तत्कालीन सचिव गुरु ने अपने बेटे सुमित को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया। परीक्षा में चयनित कुल 171 उम्मीदवारों की मेरिट सूची में छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों के साथ-साथ राजनेताओं का भी चयन किया गया था। बता दें कि 171 पदों की भर्ती के लिए वर्ष 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया गया था। प्री परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई। इसमें दो हजार 565 प्रतिभागी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तीर्ण हुए। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मुख्य परीक्षा हुई, जिसमें 509 प्रतिभागी पास हुए। उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। इसके बाद 11 मई 2023 को अंतिम परिणाम जारी किया गया। इसमें 170 प्रतिभागियों का चयन किया गया।

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