रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाले की केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को सीबीआइ ने पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक रायपुर-भिलाई स्थित ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की। अधिकारियों के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। रायपुर और भिलाई में एक साथ कार्रवाई चल रही है। भिलाई में पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव के आवास पर छापा मारा गया।
सीबीआइ ने तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी, सचिव ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी जैसे विभिन्न पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप में एफआइआर दर्ज की है। आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी के बेटे नितेश को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल को डीएसपी और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू को कथित तौर पर ड्यूटी कलेक्टर के रूप में चुना गया था साथ ही दीपा अजगले आल जो की सोनवानी की भाई बहू है उन्हें जिला आबकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
सीजीपीएससी 2021 परीक्षा की हो रही जांच: सीबीआई का वक्त ने बताया कि सीजीपीएससी के तत्कालीन सचिव गुरु ने अपने बेटे सुमित को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया। परीक्षा में चयनित कुल 171 उम्मीदवारों की मेरिट सूची में छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों के साथ-साथ राजनेताओं का भी चयन किया गया था। बता दें कि 171 पदों की भर्ती के लिए वर्ष 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया गया था। प्री परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई। इसमें दो हजार 565 प्रतिभागी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तीर्ण हुए। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मुख्य परीक्षा हुई, जिसमें 509 प्रतिभागी पास हुए। उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। इसके बाद 11 मई 2023 को अंतिम परिणाम जारी किया गया। इसमें 170 प्रतिभागियों का चयन किया गया।