संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है. सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है. इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है. सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है। इस महीने में भोले शंकर की विशेष अराधना की जाती है. लोग शिवजी (Lord Shiva) का रुद्राभिषेक कराते हैं. सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इस महीने भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा होती है. सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं।
शुभ योगों का संयोग
22 जुलाई को सावन के आरंभ होते ही प्रातः 05: 37 से रात्रि 10: 21 तक सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. वहीं प्रीति योग जो 21 जुलाई को रात्रि 09:11 पर शुरू होगा और 22 जुलाई को सायं 05:58 पर समाप्त होगा. तीसरा योग आयुष्मान योग है जो सायं 05: 58 से आरंभ होकर 23 जुलाई को दोपहर 02:36 पर समाप्त होगा।
सावन में 5 सोमवार (Sawan Somwar)
सावन में 5 सोमवार व्रत रहेंगे. इसके अलावा कई विशेष शुभ योग भी आएंगे. ऐसी मान्यता है कि इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है.
सावन सोमवार की तिथियां (Sawan Somwar List 2024)
22 जुलाई सोमवार- सावन पहला सोमवार
29 जुलाई सोमवार- सावन दूसरा सोमवार
05 अगस्त सोमवार- सावन तीसरा सोमवार
12 अगस्त सोमवार- सावन चौथा सोमवार
19 अगस्त सोमवार – सावन पांचवा सोमवार
सावन का महत्व (Sawan Significance)
सावन (Sawan) के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है. मान्यता है इस दिन जो भी पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी. इसके फलस्वरूप महादेव ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया। मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है।