समाज, परिवार व आध्यात्मिक धारा से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही असली भक्त : हिमांशु महाराज

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संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। कथाकार,कलाकार और पत्रकार को सत्यं शिवम और सुन्दरम का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। अर्पण तर्पण और समर्पण मानव जीवन की आधारशिला है। भागवत कथा से दैहिक, दैविक और भौतिक तापो की निवृत्ति होती है। श्रीकृष्ण के तीन प्रिय गौमाता, गीता और गोपी तीनो की उपेक्षा चिन्तनीय है। राम का नाम और राम का काम दोनो साथ -साथ चलने चाहिए। मूर्ति पूजा के प्रवर्तक प्रहलाद ने अपनी भक्ति द्वारा खम्भे से श्री नरसिंह भगवान को प्रकटकर सनातन धर्म के ध्वजवाहक के रूप मे सेवाए दी। पांच वर्ष के बालक ध्रुव द्वारा ईश्वर की प्राप्ति भक्त और भगवान के प्रेम का परिचायक है। नशा नाश का जड है। इससे स्वयं बचने और समाज को बचाने का प्रयास किए जाने चाहिए। समाज परिवार व आध्यात्मिक धारा से जूडा हुआ व्यक्ति ही भक्त कहलाता है। यह विचार श्रीवास भवन बिलासपुर में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठवे दिन की कथा के दौरान कथावाचक व्यास पंडित डा. सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने व्यक्त किए।
प्राणीमात्र की सेवा ही सच्ची उपासना
हमारे आचरण का मंगलमय होना ही ईश्वर का मंगलाचरण तथा माता-पिता, परिवार समाज,राष्ट्र तथा प्राणीमात्र की सेवा ही ईश्वर की सच्ची उपासना है।जीव रूपी परीक्षित के माध्यम से शुकदेव जी ने समस्त जीवो को भागवत रूपी कथामृत का पान कराया। भागवत और भगवान के चौबीस अवतार जगत को प्रेम का संदेश देते है।जीवन प्रेम से ही संभव है। भागवत मोक्ष ग्रन्थ के साथ ही साथ जीवन संहिता भी है। उन्होने सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता का सजीव वर्णन किया। समस्त जीवो का भगवान से बढकर कोई हितैशी व मित्र नही हो सकता। डाक्टर तिवारी ने लोकतंत्र के महान पर्व लोकसभा के चुनाव मे शत प्रतिशत मतदान कर भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान किया।
इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर पंडित कृष्ण कुमार दुबे पंडित नीरज तिवारी,मुकेश शर्मा विजय तिवारी बुधराम यादव डाक्टर मंतराम यादव मुन्ना श्रीवास गौतम साहू चतुर्भुज गुप्ता मणिशंकर श्रीवास संतोष चन्द्रसेन अरूण सिंह, मुख्य यजमान हर नारायण श्रीवास, सत्यप्रकाश श्रीवास, विवेक श्रीवास, संभागीय पदाधिकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र श्रीवास, सचिव चन्द्रमणि श्रीवास , कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास, सह सचिव सुमित श्रीवास, सह कोषाध्यक्ष बसंत श्रीवास, केश शिल्पी बोर्ड के उपाध्यक्ष चित्रकांत श्रीवास, साहित्यकार डा, मंतराम यादव, गौतम साहू, बी एल श्रीवास, श्रीमती शकुंतला श्रीवास, अमित श्रीवास पूर्व कोषाध्यक्ष, अशोक यादव, पुरुषोत्तम श्रीवास, दीपक, विनोद श्रीवास, संजू, रमेश श्रीवास, चतुर्भुज पाण्डेय महेन्द्र साहू, गोपाल पाण्डेय, सीताराम श्रीवास,शिवकुमार श्रीवास छेमकरण श्रीवास, पदमा श्रीवास, गायत्री श्रीवास, प्रमोद श्रीवास, मिथिलेश श्रीवास, शिव श्रीवास, गायत्री श्रीवास,शीतल, हिलेष, लक्ष्मी, विनय, आंचल श्रीवास, मुस्कान श्रीवास, पूर्वी श्रीवास, अमन श्रीवास, जय श्रीवास, जया श्रीवास, मेयन श्रीवास, शुभम श्रीवास, लोकेश श्रीवास सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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