भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण सनातन धर्म की आत्मा, भारत भूमि में ही लिए 24 अवतार : हिमान्शु महाराज

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श्रीवास भवन बिलासपुर में आयोजित श्रीमद भगवद्गीता ज्ञान यज्ञ सप्ताह में उमड़ रहे श्रद्धालु

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संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। भगवान के चौबीस अवतार भारतवर्ष मे ही हुए। धर्म की स्थापना हेतु भगवान श्रीराम व श्री कृष्ण ने इस धराधाम मे अवतार लिए। श्रीराम व श्री कृष्ण सनातन धर्म की आत्मा है। ईश्वर होते हुए इन्होने अपने चरित्र व लीला के माध्यम से पूरे विश्व को न्याय, मैत्री, सद्भाव प्रेम मानवता और विश्वकल्याण का संदेश दिया है। श्रीराम अयोध्या के विशाल राज्य का त्याग कर वनवासी गिरि कन्दरावासी और ऋषि मुनियो के ज्ञान से समाज को जोड़कर भारतीय सनातन धर्म का उत्थान किया। श्रीराम ने राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि मानकर तपस्यामय जीवन व्यतीत करते हुए समस्त राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समस्याओ का निराकरण करने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।उन्होने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम को जोड़ने का सम्यक प्रयास किया।रावण कुम्भकर्ण मेघनाथ खरदूषण त्रिसिरा सुबाहु कबंध व बाली जैसे दुर्दांत दानवो का अन्त उनके घर पर जाकर दीन हीनो को संगठित करके पूरे विश्व को रामराज्य का दिव्य संदेश दिया।

श्रीकृष्ण ने प्रेम, शौर्य व लालित्य के समन्वय का दिया संदेश

श्रीकृष्ण का अवतरण भी जल पर काली फल पर धेनुकासुर तथा थल पर दुर्योधन दुशासन कालयवन जरासंध कंस जैसे आततायियो के विनाश के साथ ही संसार मे शौर्य व लालित्य के समन्वय से प्रेमराज्य की स्थापना के लिए हुआ । डाक्टर तिवारी ने सुद्युम्न शर्याति सुकन्या नाभाग अंबरीश खटवांग सगर रघु अज दशरथ विश्वामित्र परशुराम रंतिदेव भरत सहित अनेक सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी राजाओ के गौरवगाथा का विस्तृत वर्णन किया तथा भगवान श्रीकृष्ण की सम्पूर्ण लीला माखन चोरी, गौचारण ,कालिया मर्दन, पूतना बकासुर, सकटासुर तृणावर्त केसीसूर क्षेत्र वत्सासुर अघासुर कंसवध तथा रासलीला का विस्तृत व रोचक वर्णन किया।उक्त अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण जन्म ,गोवर्धन पूजन व रूखमणी विवाह की दिव्य झांकी प्रस्तुत की गयी।

उक्त बातें श्रीवास धर्मशाला मंगला चौक बिलासपुर मे आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथावाचक व्यास श्रद्धेय पण्डित डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने व्यक्त किए। इस अवसर पर श्रीवास समाज के प्रदेशाध्यक्ष त्रिलोक श्रीवास, पूर्व सान्सद लखनलाल साहू, पं नीरज तिवारी, पं मुकेश शर्मा, मुख्य यजमान हर नारायण श्रीवास, सत्यप्रकाश श्रीवास, विवेक श्रीवास, संभागीय पदाधिकारीगण अध्यक्ष सुरेन्द्र श्रीवास, सचिव चन्द्रमणि श्रीवास , कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास, सह सचिव सुमित श्रीवास, सह कोषाध्यक्ष बसंत श्रीवास, केश शिल्पी बोर्ड के उपाध्यक्ष चित्रकांत श्रीवास, डा, मंतराम यादव, गौतम साहू, अशोक यादव, पुरुषोत्तम श्रीवास, दीपक, विनोद श्रीवास, संजू, रमेश श्रीवास, चतुर्भुज पाण्डेय महेन्द्र साहू, गोपाल पाण्डेय, सीताराम श्रीवास,शिवकुमार श्रीवास सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

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