दुनिया के लिए 12 माह में एक साल होता है लेकिन टेलीकॉम की दुनिया में 13 माह का एक साल होता है, इस तरह 1 माह का एक्स्ट्रा पैसा लिया जा रहा,,सरकार है मौन
नई दिल्ली। आप सभी लोगों को पता है कि महीना 30 या 31 दिन का होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये टेलीकॉम कंपनिया पैसे तो पूरे महीने का लेते है, किंतु वैलेडिटी प्लान 28 दिन का देते है। क्या इसके पीछे कोई टेक्नीकल इश्यू है या फिर ऐसा करके कंपनियां आपके साथ कोई बड़ा धोखा कर रही हैं। तो आइए आज हम आपको बताते है कि कैसे ये टेलीकॉम कंपनियां चालाकी करके आपकी जेबे खाली करने में लगी हुई हैं।
क्यों होते है वैलेडिटी प्लान 28, 56 या 84 दिन के-
भारत में कंपनियों द्वारा 28 दिन का वैलेडिटी प्लान दिया जाता है। पहले कुछ ही कंपनियों द्वारा 28 दिन के प्लान दिये जाते थे, लेकिन अब सभी कंपनियों के प्लान की वैलेडिटी एक जैसी ही होती है। इस तरह के प्लान की वजह से ग्राहकों को एक साल में 12 रिचार्ज की जगह 13 रिचार्ज कराने पड़ते हैं। 28 दिन के प्लान के कारण जिस महीने में 30 दिन होता है उसमें 2 दिन और अगर 31 का महीना होता है तो 3 दिन शेष बच जाता है। अगर फरवरी का महीना 28-29 का हो तो भी 28-29 दिन पूरे साल में अतिरिक्त मिल जाते है। जिससे एक एक्स्ट्रा रिचार्ज आपको करना पड़ता है। इस तरह कंपनियों को हर साल एक महीने के अधिकतम रिचार्ज का फायदा होता है। हालाँकि बीएसएनएल द्वारा अभी भी 30 दिन का प्लान दिया जाता है।
नहीं आया ट्राई का अपडेट-
टेलीकॉम कंपनियों के 28 दिन का प्लान देने को लेकर कुछ महीनों पहले कहा गया था कि इसके लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी। लेकिन अभी तक इस संबंध में ट्राई से कोई अपडेट नहीं आया है। ऐसे में सभी टेलीकॉम कंपनियों का रिचार्ज (मोबाइल रिचार्ज प्लान) पहले की तरह 28-28 दिन का ही चल रहा है। जिसके कारण ग्राहकों को साल में 12 के जगह 13 रिचार्ज कराने पड़ते हैं।