कविता चौपाटी से,,,के 46 वें अंक में प्रदेशभर के कवियों ने दी शानदार प्रस्तुति
संतोष कुमार श्रीवास 9098156126
बिलासपुर। कविता को प्रदेश में जीवित रखने साहित्यकारों एवम कवियों ने बीड़ा उठाया है। बिलासपुर शहर में “कविता चौपाटी से..” के 46 वें अंक में साहित्य के राष्ट्रीय पटल में तेजी से उभरते, युवा रचनाकार मयंक मणि दुबे की दो रचनाओं का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कविता के माध्यम से बताया गया की लगातार प्रयास करने से ही लक्ष्य की प्राप्ति होती है। कविता में कुछ इस तरह जिक्र किया है,,,असफल अगर प्रयास तो, फिर फिर करें प्रयत्न, सागर मंथन के बिना, कब मिलता है रत्न,,, साथ ही प्रदेश भर से आए हुए कावियों ने अपने अपने कविता का रसपान कराया।
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में अध्यक्षता – आचार्य गिरधर शर्मा, मुख्य अतिथि – वरिष्ठ गीतकार विजय तिवारी, विशिष्ट अतिथि – पूर्णिमा तिवारी ने किया। इस अवसर पर राजेश सोनार, ऋतुराज पाण्डेय बसंत, केवलकृष्ण पाठक, धनेश्वरी सोनी ‘गुल’, बिल्हा से – केदार दुबे, अमृतलाल पाठक, अंबिकापुर से आचार्य दिग्विजय सिंह, वरिष्ठ गीतकार अजय पाठक, बुधराम यादव, दिनेश्वर राव जाधव, धमनी से अजय शर्मा, राकेश पांडेय, सत्येन्द्र त्रिपाठी, मंतराम यादव , रमेशचंद्र सोनी, विजय गुप्ता, एम डी मानिकपुरी, संतोष कुमार श्रीवास संपादक श्रीन्यूज 36गढ़, आदि शामिल थे। वही कार्यक्रम में एन जी ओ “चाय से स्याही” के युवाओं की टीम की उपस्थिति रही।
बेलसरी के युवा को दोहा गीत विधा से मिली राष्ट्रीय पहचान
उल्लेखनीय है कि मयंक मणि दुबे मूलत: ग्राम बेलसरी बिलासपुर के निवासी हैं, जो सजल विधा पर राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित नाम हैं। विमोचन कार्यक्रम में उनके सजल -संग्रह “”पुष्पक” से एक सजल और सद्य प्रकाशित दोहागीत -संग्रह “पारस” से एक दोहागीत को शामिल किया गया। “पारस” को दोहागीत विधा पर अब तक ज्ञात प्रथम प्रकाशित एकल संग्रह होने का गौरव प्राप्त है। कार्यक्रम का संचालन – महेश श्रीवास, संयोजन – राजेन्द्र मौर्य, आभार प्रदर्शन – गंगाधर पटेल ने किया।