5 राज्यों के चुनाव के समय रुलाने लगा प्याज
संतोष कुमार श्रीवास 9098156126
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 7 नवंबर को बस्तर की सीटों के लिए मतदान होना है। ठीक चुनाव के वक्त प्याज की कीमतों में भारी उछाल आ गया है। आलू और प्याज के कीमतें बढ़ने से चौतरफा असर देखा जा रहा है। रसोई घर से प्याज गायब होने के साथ ही होटल में नाश्ता भी मांगा होने लगा है। आम से लेकर खास लोगों की जेब पर इसका सीधा असर पढ़ने लगा है। व्यापारी फसल खराब होना बता रहे हैं इस बीच मुनाफाखोरी को भी आशंका जताई जा रही है। प्याज आलू के साथ साथ सभी अन्य सब्जियां भी महंगी हो गई है। चिल्हर में टमाटर 40, बरबट्टी 50, भिंडी 60, गोभी60 के साथ लगभग सभी सब्जी 50 के आसपास बिक रही है। चार दिन पहले प्याज चिल्हर में 35 से 40 में बिक रही थी।
याद आ गया अटल बिहारी बाजपाई
जब चुनावी समय था,, जब अटल बिहारी वाजपेई जी के समय प्याज का कीमत 100 के पार चढ़ गया था और देश में उबाल मच गया था तब बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई थी, जिसमे प्याज भी प्रमुख कारण रहा था।
जमाखोरी की है आशंका
व्यापार स्थित थोक मंडी के व्यापारियों का कहना है की फसल उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के नासिक में प्याज की फसल कमजोर है साथ ही नए प्याज आने में अभी थोड़ा समय है जिसका फायदा उठाने का प्रयास भी किया जा रहा है। बड़ी मंडी में प्याज की आवक कमजोर है और देश के अलग-अलग मंडियों से मांग लगातार बनी हुई है इससे कीमत लगातार बढ़ रही है।
अभी खरीदना होगा ऊंचे दामों पर
थोक मंडी में दीपावली के बाद नई फसल की आवक शुरू होती है। तब तक ऊंचे दाम पर ही प्याज खरीदना होगा। अभी नासिक से प्रतिदिन 4 से 5 ट्रक प्याज की आपूर्ति हो रही है। कीमत ज्यादा होने का कारण बिक्री प्रभावित होने की बात व्यापारिक कर रहे हैं। दाम ऊंचे होने के कारण जरूरत के मुताबिक लोग खरीदारी कर रहे हैं।