(खेल समीक्षा)
संपादक_संतोष कुमार श्रीवास
शिया कप में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन के बाद विश्वकप की तैयारी में जुटी भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया जैसे धुरंधर टीम से दो दो हाथ करने का मौका मिलेगा। 22,24 और 27 सितंबर को भारत और आस्ट्रेलिया का मैच मोहाली, इंदौर और राजकोट में देखने को मिलेगा। इसके बाद 5 अक्टूबर से एकदिवसीय विश्वकप शुरू हो रहा है।
अनिश्चितताओं का खेल क्रिकेट को यूं ही नहीं कहा जाता है। जन नेपाल जैसे उदीयमान देश में भारत के खिलाफ 200 के पर स्कोर बनाया तो खेल समीक्षकों ने भारत के गेंदबाजी पर सवाल उठाया था। साथ ही पाकिस्तान के गेंदबाजों को सबसे बेहतर बताया था। कल फाइनल मैच में अकेले सिराज ने 6 विकेट लेकर दुनिया को बता दिया की क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। भारत ने रोमांच से भरे मैच में बांग्लादेश जैसे टीम से मात खाई। कोई बड़ा स्कोर नही था, उसके बाद भी भारत 6 रनो से हार का स्वाद चखा। पाकिस्तान को हराने वाली श्रीलंका की टीम से फाइनल में कड़े मुकाबले की उम्मीद खेल प्रेमियों ने की थी। शारजहां में सन 2000 में श्रीलंका ने भी भारत को 54 रन के न्यूनतम स्कोर पर आउट किया था। आज 23 साल बाद उस रिकार्ड को भारत सुधारते हुए श्रीलंका को मात्र 50 रन पर आउट कर विश्व में धाक जमाया है। बात करे वन डे में जिम्बाम्बे का श्रीलंका के ही खिलाफ सबसे कम स्कोर 35 रन का है। बात करे विश्वकप की तो आस्ट्रेलिया ने सबसे कम रन से दो बार भारत को एक एक रन से हराया है। एशिया कप का फाइनल मैच पूरी तरह से सिराज का रहा। हैदराबाद के टैक्सी ड्राइवर का लड़का सिराज अपने कैरियर में यह कारनामा पहली बार किया है। अपने कैरियर के 29 वे मैच में उन्होंने 7 ओवर में 21 रन देकर 6 विकेट लेकर श्रीलंका की कमर ही तोड़ दी। सिराज का कहर ऐसा चला की श्रीलंका के 5 खिलाड़ी उनके केवल 10 गेंद के अंदर आउट हो गए। भारत के स्टुवर्ट बिन्नी ऐसे गेंदबाज रहे जिन्होंने मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ केवल 4 रन देकर 6 विकेट लिए थे। वही अनिल कुंबले 6/12 वेस्टइंडीज के खिलाफ और जसप्रीत बमराह 6/19 इंग्लैंड के खिलाफ यह कारनामा पहले भी कर चुके है।