संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126 दिल्ली। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है। भाई-बहन का यह पावन पर्व पूरे देश में उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करती हैं, जबकि भाई जीवनभर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। भाई की कलाई में बंधा रक्षा सूत्र मात्र एक धागा नहीं, बल्कि बहन-भाई के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा की शक्ति का प्रतीक है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त, 2025 शनिवार को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया नहीं रहेगा. लेकिन राहुकाल होगा। इस वर्ष रक्षाबंधन पर करीब 100 साल बाद एक दुर्लभ योग भी बन रहा है, जो इस पर्व के महत्व को और बढ़ा देता है।
रक्षाबंधन पर शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक सौभाग्य योग- सुबह प्रातःकाल से लेकर 10 अगस्त को तड़के 2 बजकर 15 मिनट तक शोभन योग- 10 अगस्त को सुबह 2 बजकर 15 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 04 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है।
साल 2025 की राखी क्यों है खास? ज्योतिषी पूजा वर्मा के अनुसार, इस साल की राखी काफी खास है, क्योंकि एक ओर जहां ये साल मंगल का कहलाया जा रहा है, जिसे साहस, ऊर्जा और सुरक्षा का ग्रह माना जाता है। इसका प्रभाव इस रक्षाबंधन को और शक्तिशाली व सकारात्मक बनाता है। इस साल राखी पर मंगल ग्रह की विशेष दृष्टि रहेगी, जिससे भाई-बहन के रिश्तों में मजबूती, साहस और सहयोग बढ़ेगा। यह दिन नए संकल्प और पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहेगा।
रक्षाबंधन थाली में क्या-क्या रखें? * राखी * चावल (अक्षत) * रोली या कुमकुम * दीपक * मिठाई * एक नारियल * एक लोटा जल
राखी बांधते समय बोले ये मंत्र बहनें भाई को राखी बांधते हुए ये संकल्प लें और इसके साथ इस मंत्र का जाप करें- “मैं अपने भाई की लंबी उम्र, सफलता और खुशहाली की कामना करती हूं। यह रक्षा सूत्र उसे हर बुरी नज़र और बुरे समय से बचाए।” ऐसा बोलने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
इस साल रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें भाई की कलाई में राखी बांधती हैं, जो विश्वास और रक्षा का प्रतीक होती है। इस साल रक्षाबंधन पर पंचक का साया भी नहीं रहेगा। अगस्त माह में पंचक का आरंभ 10 अगस्त 2025 से हो रहा है। रविवार के दिन होने के कारण इसे रोग पंचक कहा जाएगा।