कुआं क्यों बन रहा ”मौत का कुआ”, एक माह में ही 6 लोगों की ले चुकी है जान

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संतोष श्रीवास (श्रीन्यूज36गढ़)। 9098156126
बिलासपुर। जीवन दायिनी कुआं अब उपयोग नहीं होने के कारण सी “मौत का कुआं” बनते जा रहा है। सीपत के पास स्थित ऊनी गांव में मरे हुए मेढ़क को निकालने के चक्कर में दो भाईयों की मौत के कुछ दिन बाद बेलगहना के समीप गांव में जिंदा मुर्गी को निकालने के चक्कर में चाचा-भतीजे की मौत हो गई थी। वहीं मुंगेली के पास स्थित खेढ़ा गांव में सफाई के लिए उतरे ग्रामीण की मौत हो गई जिसे बचाने पहुंचा उसका चाचा भी जहरीली गैस के रिसाव के कारण उसकी भी मौत हो गई।

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कुएं के अंदर लगे मोटर पंप में का कचरा हटाने नीचे उतरा था युवक

घटना ग्राम खेढ़ा में बुधवार को दोपहर हुई जब ग्रामीण नरोत्तम निषाद 35 वर्ष अपने घर के कुएं में लगे मोटर पंप के फुटबाल में फंसे कचरे को हटाने के लिए कुएं में उतरा। फुटबाल को साफ करने के कुएं के भीतर जमा मिथेन गैस के चलते वह बेहोश होकर कुएं के अंदर गिर गया। इसे कुएं के मुंडेर में खड़े उसका चाचा दिनेश निषाद 50 उसे बचाने के लिए हड़बड़ी में बिना किसी सुरक्षा उपाए के तुरींत कुए में उतर गया। जिससे वह भी मौके पर बेहोश होकर कुएं में गिर गया। कुएं में दो लोगों की बेहोश होने और मौके पर ही मौत होने की सूचना पर उनके स्वजनों में हड़कंप मच गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद दोनों के शव कुएं से बाहर निकाले गए। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों से बिना सुरक्षा कएं या टैंक में न उतरने की अपील की है।

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