अम्बिकापुर, बिलासपुर।। श्री न्यूज 36 गढ़।। संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा के द्वारा युक्तियुक्तकरण में लापरवाही बरतने पर रामानुजनगर विकास खण्ड शिक्षा धिकारी पंडित भारद्वाज और सुरेन्द्र जायसवाल मनेंद्रगढ़ को निलंबित कर दिया गया है।
शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के चलते विकास खंड शिक्षा अधिकारी, मनेन्द्रगढ़ (जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) श्री सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, मनेन्द्रगढ़ के पत्र के आधार पर संभागायुक्त श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा द्वारा की गई है।
इस तरह हुई गड़बड़ी
beo श्री जायसवाल ने माध्यमिक शाला लेदरी में वरिष्ठता क्रमांक 4393 की श्रीमती गुंजन शर्मा को अनुचित रूप से अतिशेष घोषित कर दिया गया, जबकि उनसे कनिष्ठ क्रमांक 4394 की श्रीमती बेबी धृतलहरे को सुरक्षित रखा गया। प्राथमिक शाला चिमटीमार में कार्यभार ग्रहण तिथि के अनुसार श्रीमती अर्णिमा जायसवाल को अतिशेष माना जाना था, परंतु श्रीमती संध्या सिंह को सूची में शामिल किया गया। माध्यमिक शाला साल्ही में शिक्षक श्री सूर्यकान्त जोशी के विषय की जानकारी गलत दर्शाई गई एवं विषय चक्रानुसार पदस्थापना नहीं की गई।
पूरे प्रदेश भर में इस तरह करवाई की उठ रही मांग
इन सभी प्रकरणों में कुटरचना कर वरिष्ठ शिक्षकों को कनिष्ठ दर्शाया गया, जो कि पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है। यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है।
सम्पूर्ण प्रकरण पर गंभीरता से विचार करने के पश्चात श्री सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर नियत किया गया है।
रामानुजनगर में हुई इस तरह कार्रवाई
शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान गलत जानकारी एवं पदों में कुटरचना करने के आरोप में विकास खण्ड शिक्षाधिकारी, रामानुजनगर, जिला सूरजपुर पंडित भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
सरगुजा संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा द्वारा जारी आदेशानुसार, श्री भारद्वाज ने वरिष्ठ कार्यालय को भ्रामक एवं तथ्यहीन जानकारी भेजी, जिससे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर त्रुटियां सामने आईं।
शा. उ. मा. वि. भुवनेश्वरपुर में अंग्रेजी विषय के दो रिक्त पद गलत तरीके से दर्शाए गए, जबकि वहां पहले से चार व्याख्याता कार्यरत थे। परिणामस्वरूप, दो अतिरिक्त व्याख्याताओं की अनुचित पदस्थापना हुई।
प्रा. शा. सरईपारा, जगतपुर एवं देवनगर में छात्र संख्या के अनुपात से अधिक शिक्षक पद दर्शाए गए, जिससे वहां भी अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति हुई।

हाई स्कूल सुमेरपुर में कला संकाय के व्याख्याता श्री राजेश कुमार जायसवाल को विज्ञान विषय का बताकर विज्ञान विषय का पद रिक्त दर्शाया गया, जिससे एक और अतिरिक्त पदस्थापना हुई।
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन मानते हुए श्री भारद्वाज को छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत नियम 9(1)(क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा, तथा उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बलरामपुर-रामानुजगंज (छ.ग.) नियत किया गया है।
