@ शिक्षक का वो कौन सा पत्र है जिसे लोग नहले पे दहला मान रहे है, क्या सरकार और शिक्षक हो सकते है आमने सामने

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@ विष्णु सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण किए जाने पर शिक्षक है नाराज

@ सरकार का दावा जिसमें बच्चे कम है ऐसे स्कूलों को किया जा रहा है मर्ज
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर।। श्री न्यूज 36 गढ़ स्पेशल।। छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग में शासन की नई युक्तियुक्तकरण को लेकर बवाल मचा हुआ। शिक्षक वर्ग नई नीति को शिक्षा की बुनियादी ढांचा को ध्वस्त करने वाला बता रहे हैं वहीं सरकार का कहना है कि इससे एकल शिक्षक वाले विद्यालयों को भी शिक्षक मिलेंगे जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। इधर युक्तियुक्तकरण के विरोध में आंदोलन पर उतरे शिक्षकों के द्वारा राज्य पाल को खत लिखा गया है। शिक्षकों ने खत में कहा है कि जब प्रदेश में मुख्यमंत्री हैं तो दो उप मुख्यमंत्री की क्या जरूरत है। वेतन, भत्ता सहित अन्य अनावश्यक खर्च क्यों। डिप्टी सीएम के पदों का भी युक्तियुक्तकरण होना चाहिए। शासन के नहले पर शिक्षकों का यह दहला सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल मुंगेली के ग्राम सिपाही के शिक्षक हेमंत कुमार के द्वारा राज्यपाल को यह खत लिखा गया है। खत में उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में 57 हजार शिक्षकों की भर्ती में अनावश्यक खर्च आड़े आ रही है। प्रदेश में जब मुख्यमंत्री हैं तो दो उप मुख्यमंत्री की क्या जरूरत है। इनके वेतन भत्ता में अनावश्यक खर्च हो रहा है, जिससे डिप्टी सीएम का पद समाप्त किया जाना चाहिए।

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विधायकों को भी देने वाले वेतन भत्ता में कटौती कर शिक्षकों की भर्ती के लिए बजट का प्रबंध करना चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्त कारण कर शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए कई स्कूल बंद किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी दूर करने नई भर्ती करने के बजाए मौजूदा सेटअप को बिगड़ा जा रहा है। इन कवायदों से धन बचाने के बजाए डिप्टी सीएम का पद समाप्त कर विधायकों, मंत्रियों के फंड में कटौती की जानी चाहिए।

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