संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। एक ओर जहां बीजेपी सत्ता में आने के बाद सुशासन तिहार और समाधान शिविर लगा कर लोगों की समस्याओं को कम करने का काम कर रही है। सीएम सहित आला अधिकारी प्रतिदिन शासन का गुणगान करने लगी हुई है। परन्तु इस समय प्रदेश में आम आदमी तो दूर पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है। आम लोगों को शहर में जगह जगह शराबियों का महफिल सजे दिख जाता है, पर पुलिस को शराबियो की कोई महफिल नहीं दिखाई देता है। मंगला, अशोकनगर, राजकिशोर नगर, कोनी, तिफरा, बिरकोना आसपास के एरिया में यह नजारा आम बात है। परन्तु शहर के मध्य पाश इलाके में शराबियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि कही भी महफिल सजा लेते है और मना करने पर मारपीट और गाली गलौच करना आम बात हो चुका है। पुलिस गस्त के दौरान केवल उगाही में मस्त रहती है। गरीब आदमी यदि पीते हुए पकड़े जाते है तो उनके ऊपर तुरंत पुलिसिया कारवाई जरूर होती है। गुंडे मवाली की मौज सी आ गई है। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद पुलिस विभाग सबसे ज्यादा सुस्त नजर आ रही है।
पुलिस ने निकाली जुलूस

अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जुलूस निकाल कर लोगों के बीच इस तरह की हरकत गलत है, इसका संदेश दिया।
क्या किसी को घर के सामने शराब पीने से मना करना, बुरी बात है?
बिलासपुर शहर में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब आम नागरिकों के साथ-साथ पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं। शहर के प्रतिष्ठित फोटो जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता और उनके पिता अशोक गुप्ता पर शुक्रवार रात दिल दहला देने वाला हमला हुआ। यह वारदात सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की है, जहां मोहल्ले के कुछ युवकों को घर के बाहर शराब पीने से मना करना एक पिता-पुत्र को भारी पड़ गया।
घर घुस कर कर दिया जानलेवा हमला
शेखर गुप्ता रोज़ की तरह अपने कार्यालय से रात करीब 10:30 बजे घर लौटे थे। घर पहुंचते ही उन्होंने देखा कि कुछ युवक उनके घर के ठीक बाहर गाड़ी खड़ी कर शराब पी रहे थे। शेखर ने उन्हें समझाते हुए कहा कि यह रिहायशी इलाका है और यहां परिवार के लोग रहते हैं, कृपया शराब पीना बंद करें। लेकिन बात सुनते ही युवकों ने बदसलूकी शुरू कर दी और गालियों की बौछार कर दी। स्थिति बिगड़ता देख शेखर गुप्ता अपने घर के अंदर चले गए, लेकिन बदमाश इतने बेखौफ थे कि वे भी जबरन उनके घर में घुस आए। इसके बाद शुरू हुई मारपीट की खौफनाक घटना। आरोप है कि हमलावर दुर्गा प्रसाद नामक युवक ने कुल्हाड़ी से शेखर गुप्ता के गर्दन पर वार किया। शेखर की चीखें सुनकर उनके पिता अशोक गुप्ता बचाने दौड़े, लेकिन हमलावरों ने उन पर भी हमला कर दिया।
कोई भी नहीं है सुरक्षित
यह वीभत्स हमला सुनकर आसपास के लोग जुटे और किसी तरह बीच-बचाव कर घायल पिता-पुत्र को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दोनों का इलाज किया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी स्वयं सक्रिय हुए और सिटी कोतवाली पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। टीआई सहित पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। इस घटना ने न सिर्फ कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि अब शांत मोहल्ले भी अपराधियों के कब्जे में आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस केस में कितनी तेजी से और कितनी सख्ती से न्याय दिला पाती है।

पुलिस का दावा:
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला अत्यंत गंभीर है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अन्य आरोपियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।
सवाल उठाना लाजमी है:
@शहर में क्या अपराधियों का ही बोलबाला है?
@पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन कितनी सजग है?
@सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम शराब पीने पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
@ क्या पुलिस केवल कच्ची शराब पकड़ने में है व्यस्त..?
