
कोनी में सीताराम श्रीवास के यहां आयोजित श्रीमद भागवत कथा में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालुगण
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। स्व, श्रीमती जाम बाई श्रीवास कोनी वाले की स्मृति में पुत्र सीताराम श्रीवास द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के आज षष्ठम दिन कथावाचक पंडित देवशरण दुबे जी नरगोड़ा वाले ने कहा कि जब वृन्दावन से भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने वाले होते है उस समय श्री कृष्ण जब गायों को चरा कर वापस लाने का समय हुआ तब गायों को सहलाते हुए कहते है कि हे माता यदि में आप सभी गायों को अगर भर पेट चारा नहीं खिला पाया होऊंगा तो मुझे माफ कर देना। ऐसा कहते हुए गायों को दुलारने लगा। तभी सभी गाय आकर श्रीकृष्ण को चाटने लगती है। सभी गाए रोने लगी। लेकिन श्रीकृष्ण की लीला निराली है, उनको मथुरा में भी लीलाएं करना था, सो मथुरा चले गए। वाणी से पता चलता है कि आदमी सभ्य है या असभ्य है। जो जड़ को भी गले लगा ले वही परमात्मा है। मथुरा में जाने पर उनके सौंदर्य को देखकर पूरे मथुरावासी देखते ही रह जाते थे। सभी असुरों का वध कर श्रीकृष्ण ने कंश का वध किया और लोगों का कष्ट दूर किया। जा रे जा रे कन्हैया,,,के गीतों से श्रद्धालु गण झूम उठे।

इस अवसर पर संभागीय कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास, अनिल श्रीवास, मनोज श्रीवास, रमेश श्रीवास, रामावतार श्रीवास कोनी, रामू श्रीवास गनियारी, मल्लू श्रीवास, केदार श्रीवास, संतोष श्रीवास कोनी, बहोरन श्रीवास बिरकोना, रमा श्रीवास घुरू, राजेंद्र श्रीवास मेंड्रा, मोहन सहेतर श्रीवास सकरी, सुरेश दुबे, अंकित श्रीवास, गौरव श्रीवास, केदार श्रीवास, मल्लू श्रीवास,मोहन श्रीवास, त्रिलोक श्रीवास, अशोक श्रीवास अनिल श्रीवास, मनोज श्रीवास, लकी श्रीवास , आशीष श्रीवास, आशीष श्रीवास दामाद, इंद्रेश श्रीवास, जस्सू श्रीवास, वेदव्यास श्रीवास, रामावतार श्रीवास, शिव श्रीवास, रवि, चंदू, दीपक, संतोष श्रीवास पटवारी सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष शामिल थे।