
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बेलसरी, तखतपुर। मां महामाया मंदिर से कलश यात्रा प्रारम्भ हुआ जो कि बेलसरी के पुराने काई तालाब से जल भरकर पूरे ग्राम में भ्रमण किया गया। कलश यात्रा के दौरान बच्चों द्वारा शानदार डांडिया प्रस्तुत किया गया। कलश यात्रा में पुरुष, महिला, बच्चे तथा वरिष्ठजन उपस्थित थे।
इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे प्रतिनिधि श्री प्रमोद बारचे ने कहा कि नारी सशक्तिकरण एवं शक्ति संवर्धन कार्यक्रम के तहत ग्राम बेलसरी में 4 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है। आज कलश यात्रा के साथ महायज्ञ की शुरुआत हुई है, शाम को 6 बजे प्रवचन होगा। 2 फरवरी को सुबह 8बजे से यज्ञ का आयोजन किया जाएगा और शाम को 5:00 बजे फिर एक कथा प्रवचन का कार्यक्रम होगा। परसों 3 फरवरी को सुबह 8:00 बजे यज्ञ होगा और संस्कार भी होंगे।
देश में 16 संस्कार को है मान्यता

हमारे देश में 16 संस्कार के बारे में बताया गया है लेकिन आज एक भी संस्कार हम लोग नहीं करते। हम लोगों में संस्कार की परंपरा समाप्त हो गई, इस कारण हम अपने बच्चों को दिशा नहीं दे पा रहे है। हमारे बच्चों को कैसा बनाना है, उनका मन कैसा बने, बुद्धि कैसे बने, विचार कैसा बने, संस्कार की परंपरा को जीवित रखना है। अब संस्कार की परंपरा खत्म हो गई है तो संस्कार की परंपरा पुर्नजागृत करना है। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने संस्कार की परंपरा को फिर से जागृत किया तो लाखों करोड़ों परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने बच्चों के संस्कार करके उनका भविष्य सुंदर बना दिया, उनका जीवन अच्छा बना दिया।
3 तारीख को शाम होगा भव्य दीप यज्ञ

3 फरवरी को शाम को 7:00 बजे दीप यज्ञ होगा। एक अच्छा सा प्रदर्शन आपको करके दिखाएंगे। यहां पर आपके लिए सीखने और समझने के लिए बहुत कुछ बताएंगे। कथाएं तो हमने बहुत सुन रखी है, लेकिन हम कुछ सीख नहीं पाए। जब सीख नहीं पाए तो कुछ करते नहीं, जब कुछ करते नहीं तो वहीं के वहीं रहते है, परिणाम कुछ नहीं आता। कथा सुन ले, तीर्थ यात्रा जाकर आ गए, भगवान की पूजा करने पर हमारे जीवन में कोई असर नहीं आता, इसलिए कि हमको सीखना क्या है, बताया नहीं है, कि यह सब हम क्या कर रहे हैं क्यों कर रहे हैं, उसका परिणाम कैसे मिलेगा।

हरिद्वार से आई हुई है टोली
शांतिकुंज हरिद्वार से पांच सदस्य टीम यज्ञ को संपन्न करने के लिए बेलसरी आई हुई है, टोली नायक श्री प्रमोद बारचे, सहायक टोली नायक डॉ, डी पटेल, गायक तपेश्वर जी, वादक शिवम जी, रथ चालक मृणाल पाल जी एक साथ टोली के रूप में चल रहे है। ये टोली छत्तीसगढ़ के कई स्थानों में जाकर यज्ञ संपन्न करा रहे है।