सरकंडा थाना क्षेत्र का मामला
बिलासपुर। चिलहाटी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में 26 दिसंबर को प्राचार्य मनोज चंद्राकर की हत्या का खुलासा हुआ है। 48 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी हरीश पैकरा को डोंगरगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि हत्या की वजह अप्राकृतिक यौन संबंध की कोशिश के बाद उपजे गुस्से और शर्मिंदगी का भाव था। पुलिस ने 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालकर और तकनीकी साक्ष्य जुटाकर इस मामले को सुलझाया।
घर में मिला था प्राचार्य का शव
26 दिसंबर को प्राचार्य मनोज चंद्राकर का शव उनके घर (मकान नंबर 39) में संदिग्ध हालत में पाया गया। शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे हत्या का मामला माना और विस्तृत जांच शुरू की। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर एसीसीयू टीम, एफएसएल विशेषज्ञ और स्निफर डॉग की मदद से सबूत जुटाए गए।
पार्टी करने दोस्त को बुलाया था प्राचार्य
पता चला कि 24 दिसंबर को प्राचार्य ने आरोपी हरीश पैकरा को घर पर पार्टी के लिए बुलाया था। शराब के नशे में दोनों के बीच अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए गए। बाद में जब आरोपी को अपने कृत्य पर शर्मिंदगी और गुस्सा महसूस हुआ, तो उसने सोए हुए प्राचार्य के सिर पर तवे और पेचकस से हमला कर हत्या कर दी और फरार हो गया।

रेलवे स्टेशन पर हुई थी हत्यारे और मृतक की पहचान
जांच में सामने आया कि हत्या का कारण आरोपी की मानसिक स्थिति और सामाजिक दबाव था। आरोपी और प्राचार्य की मुलाकात स्टेशन पर हुई थी। दोनों अकेलेपन के शिकार थे और दोस्ती के चलते एक-दूसरे के करीब आए। लेकिन अप्राकृतिक यौन संबंधों के बाद आरोपी के भीतर अपराधबोध और शर्मिंदगी घर कर गई, जिसने उसे हत्या जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
आरोपी तक कैसे पहुंची पुलिस
इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी का पता लगाया। आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए सिर के बाल मुड़वा लिए थे और महाराष्ट्र भागने की कोशिश कर रहा था। लेकिन गोपनीय जानकारी के आधार पर डोंगरगढ़ में घेराबंदी कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।



