समाज के विकास में श्रीवास समाज बिलासपुर संभाग का बड़ा योगदान : त्रिलोक श्रीवास
गीता, भागवत से भी ज्यादा पुण्य का कार्य है कन्याओं का निःशुल्क विवाह कराना : चित्रकांत
हर वर्ष की भांति इस वर्ष अक्ती के दिन श्रीवास समाज ने 8 जोड़ों का कराया आदर्श सामूहिक विवाह
संतोष श्रीवास पत्रकार मो 9098156126
बिलासपुर। सामूहिक विवाह में मुख्य अतिथि के रूप में बिल्हा विधायक और बीजेपी के कद्दावर नेता ने श्रीवास समाज के आयोजन की सराहना करते हुए कहा की सामूहिक विवाह का निःशुल्क आयोजन करना बहुत ही प्रेणादायक है, मैं सभी नव युगल को सुखमय जीवन की बधाई देता हु। श्रीवास समाज बिल्हा चकरभाठा के लिए आचार संहिता के बाद धर्मशाला की व्यवस्था की जायेगी। समाज में महिलाओं का योगदान से समाज का विकास तेजी से हो रहा है। विशिष्ठ अतिथि प्रांताध्यक्ष त्रिलोक श्रीवास ने कहा की हर वर्ष श्रीवास समाज बिलासपुर द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है। पिछले साल सबसे ज्यादा 14 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ था इस वर्ष 8 जोड़ों ने यहां आकर निःशुल्क विवाह कराया है मैं उनको बधाई शुभकामनाएं देता हूं। श्रीवास समाज द्वारा हर वर्ष सामूहिक विवाह में विवाह के लिए आने वाले परिवार के लिए बर्तन, खाना, रहना सहित कपड़ा जूता समाज की ओर से दिया जाता है। मैं सभी पदाधिकारी, युवा टीम, महिला इकाई एवम वरिष्ठ जनों का आभार व्यक्त करता हु। केश शिल्पी बोर्ड के उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता चित्रकांत श्रीवास ने इस पुनीत कार्य लिए समाज को बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा की सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है निःशुल्क विवाह कराना। भागवत गीता से भी बड़ा पुण्य का कार्य है, दो परिवार को मिलाना और नवयुगल को मिलाना। श्रीवास समाज इस पुण्य कार्य के लिए बधाई का पात्र हैं। संभागीय अध्यक्ष सुरेंद्र श्रीवास ने कहा की समाज में विभिन्न रचनात्मक कार्य हो रहा है। महिला इकाई का गठन, सेन पंचाग सहित कई कार्य हो रहा है। मैं अकेले कुछ नहीं कर सकता, सभी मिलकर ही समाज का विकास कर पाएंगे। कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास, सचिव चंद्रमणि, महिला अध्यक्ष ज्योति श्रीवास सचिव भारती श्रीवास ने भी संबोधन किया। कार्यक्रम में मुंगेली लोरमी, तखतपुर, बिल्हा, चकरभाठा, पथरिया, कोरबा, रतनपुर, जांजगीर, बन्नक, मस्तूरी, कोटा, बेलगहना, सीपत आदि सभी इकाई से सामाजिक जन शामिल रहे।
प्रत्येक वर्ष होता है सामूहिक विवाह का आयोजन
हर की भांति इस वर्ष भी देशहा श्रीवास समाज बिलासपुर संभाग द्वारा आदर्श सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 10 मई दिन शुक्रवार को अक्ती के दिन 8 जोड़ों का गायत्री परिवार के द्वारा हिंदू रीति रिवाज के साथ सुबह 9 बजे से शुरू होगा। नए पदाधिकारियों के बनने के बाद पिछले वर्ष इतिहास बनाते हुए श्रीवास समाज में पहली बार 14 जोड़ों का आदर्श सामूहिक विवाह समारोह गौरवपूर्ण संपन्न कराया था। समारोह के अतिथियों में धरम कौशिक, त्रिलोक श्रीवास, चित्रकांत श्रीवास, सुरेंद्र श्रीवास, गोरे गुरुजी, राजू श्रीवास, राजकुमार, बिहारी, जवाहर, लक्ष्मी, डी आर श्रीवास, डाक्टर रामावतार श्रीवास, बहोरान श्रीवास, सहित अनेक वरिष्ठजन, युवा एवम महिला शामिल रही। समाजिकजनों के अलावा अन्य समाज से नवल किशोर अग्रवाल, माहेश्वरी महिला समूह, वंदे मातरम ग्रुप, श्रीमती पुष्पा सैनी सहित अनेक लोगों ने नवयुगल को गिफ्ट देकर नवयुगल को आशीर्वाद दिया।
ज्ञात हो कि सामूहिक विवाह का आयोजन देशहा श्रीवास समाज बिलासपुर संभाग द्वारा किया जाता है। जिसमे सभी श्रीवास/सेन/ भारद्वाज आदि फिरका के लोग निःशुल्क विवाह करते है, जिसका पूरा खर्च देशहा श्रीवास समाज बिलासपुर संभाग करता है। समाज के समाजसेवी इस पुण्य कार्य के लिए तन, मन, और धन के माध्यम से करते है। पहली बार पिछले वर्ष सामूहिक विवाह में जिन जिन व्यक्ति ने सहयोग किया था, उनका श्रीवास समाज बिलासपुर संभाग द्वारा प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में सम्मान भी किया। इस वर्ष अक्ती के दिन 10 मई24 को दिन शुक्रवार को विवाह समारोह रखा गया है। श्रीवास समाज बिलासपुर संभाग के अध्यक्ष सुरेंद्र श्रीवास, उपाध्यक्ष लक्ष्मी श्रीवास, सचिव चंद्रमणि श्रीवास, सह सचिव सुमित श्रीवास, कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास पत्रकार, सह कोषाध्यक्ष बसंत श्रीवास ने समाज के लोगों का सफल आयोजन में सहभागिता हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया ।
इन जोड़ों का हुआ विवाह
1/शंकर श्रीवास पिता चैत राम श्रीवास तिफरा संग शारदा श्रीवास पिता संतराम श्रीवास लिमहा 2/कृष्ण कुमार श्रीवास पिता धरम श्रीवास खम्हारिया संग श्रद्धा श्रीवास पिता संतराम श्रीवास लिमहा, 3/ किशोर श्रीवास पिता स्व, हरि लाला श्रीवास चकरभाठा संग ममता श्रीवास पिता स्व, ताराचंद श्रीवास कोरबा, 4/ परमेश्वर श्रीवास पिता राजेंद्र श्रीवास कुरैली संग
सीता श्रीवास पिता शिव कुमार श्रीवास खमतराई, 5/ शुभम श्रीवास पिता अशोक श्रीवास कोटा संग आरती श्रीवास पिता श्रवण श्रीवास तिफरा, 6/ अजय श्रीवास पिता इंद्र कुमार मोपका संग आशा श्रीवास पिता राज कुमार श्रीवास मुंगेली, 7/ विजय कुमार श्रीवास पिता दशरथ श्रीवास खेड़ा संग प्रिया श्रीवास दशरथ श्रीवास राजपुर, शत्रुहान श्रीवास पिता संतोष श्रीवास रतनपुर संग दुर्गा श्रीवास लोरमी मुंगेली सहित कुल 8 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
गायत्री परिवार द्वारा हिंदू रीति रिवाज हुआ विवाह
प्रतिवर्ष गायत्री परिवार द्वारा हिंदू रीति रिवाज से सामूहिक विवाह कराया गया। गायत्री परिवार के श्री रामकुमार श्रीवास, गणेश श्रीवास, उधोराम प्रजापति, शत्रुहन कश्यप, पदमलोचन श्रीवास, सीताराम, लखन, महेश, बहोरन श्रीवास की भूमिका रहती है।
युवा ले रहे बढ़ चढ़ कर हिस्सा
श्रीवास समाज के युवा टीम लगातार दो दिन से भवन में दिन रात मेहनत कर कार्यक्रम को सफल बनाने जुटे हुए थे। खाना, पानी, सफाई से लेकर मंडप सहित सभी कार्यों में अपनी सहभागिता निभा रहे है। इस बार युवा टीम के द्वारा मटर पनीर की सब्जी अपनी ओर से खिलाया गया। वही भजिया कढ़ी सह सचिव सुमित श्रीवास ने दिया। इसी प्रकार अन्य सामाजिक जनों ने भी दान देकर समाज के सामूहिक विवाह में अपना अपना योगदान दिया। युवा टीम में नरेंद्र, आशीष, शुभम, लक्ष्मी, दीपक, मोहन, विवेक, नवीन, लुकेश, रमेश, लाला, प्रमोद, रिखीराम, विनय, राजेश, राजू, लाला, मुरारी, भारत, आशीष, रवि, नारायण, दीपक, मोहन सुकमा, मणिशंकर, निखिल, मोनू, सोनू, घनश्याम, संतोष, रोशन, गोलू, प्रकाश, दीपेंद्र, मनोज, ओंकार, शिवांश, दिलीप, मनीष, संजय, लाल बहादुर, दिलहरण, कोरबा इकाई से लक्ष्मी, प्रमोद, रिखीराम, संतोष, बजरंग, शत्रुहण, सहित सैकड़ों लोग जुटे हुए है।
महिला इकाई का रहा विशेष योगदान
पिछले वर्ष की भांति सामूहिक विवाह में इस बार महिला इकाई द्वारा सुवासिन की भूमिका के साथ पूर्ण सहयोग किया गया। अध्य्क्ष ज्योति श्रीवास, उपाध्यक्ष मेलन श्रीवास , सचिव भारती श्रीवास, सह सचिव सरिता श्रीवास, कोषाध्यक्ष आशा श्रीवास , सह कोषाध्यक्ष रामेश्वरी श्रीवास, मिडिया प्रभारी सुमन श्रीवास, निशु श्रीवास सीमा श्रीवास मस्तूरी, बीना श्रीवास, गायत्री श्रीवास, परमिला श्रीवास, सावित्री श्रीवास, रिया श्रीवास, मधु श्रीवास, आशा श्रीवास बन्नक, पिंकी श्रीवास, शशि श्रीवास, आशा श्रीवास मितानिन सिरगिट्टी, सरिता श्रीवास, सुशीला श्रीवास, माया श्रीवास, देवकी श्रीवास, सीमा श्रीवास बिरकोना, अंजली श्रीवास, मंजू श्रीवास, सुमन लता श्रीवास, दीप श्रीवास, सुमन श्रीवास, आरती श्रीवास, संध्या श्रीवास, श्यामता श्रीवास, गीता श्रीवास, कामिनी श्रीवास, संतोषी श्रीवास, सरोज श्रीवास, आशा श्रीवास मंगला
तथा सभी महिला बहनें उपस्थित थीं।