कभी भी हो सकता है हाथी और मानव द्वंद: 138 हाथी रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग अलग रेंज में कर रहा विचरण

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वन विभाग ड्रोन कैमरे से रख रहा निगरानी

संतोष श्रीवास पत्रकार 9098156126
रायगढ़। हाथियों की लगातार बढ़ती संख्या से यहां हाथी और मानव के बीच द्वंद में कभी इसान तो कभी हाथी की मौत की खबरें अक्सर सामने आते रही हैं। जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों के मूवमेंट पर वन – विभाग ड्रोन कैमरे से नजर बनाये हुए है। सरगुजा के अलावा रायगढ़ जिला बीते कई सालों से हाथियों के आतंक से जूझ रहा है। यहां के रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ दोनों वन मंडलों के कई रेंज में हर साल हाथियों की मौजूदगी रहती है जो आए दिन जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में दस्तक देकर अपनी मौजूदगी अहसास कराते आ रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार ड्रोन कैमरे के जरिये जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों पर नजर रखते हुए हाथियों की तरफ जाने पर पूरे गांव में मुनादी कराते हुए ग्रामीणों को सावधानी बरतने की बात कही जाती है। साथ ही साथ किसी भी हाल में जंगल की तरफ नहीं जाने की सलाह भी दी जाती है ताकि उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की जनहानि की घटना घटित न हो। एक जानकारी के मुताबिक इन दिनों रायगढ़ जिले के जंगलों में 138 हाथी रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग अलग रेंज में विचरण कर रहा है।
दल में 40 बच्चा हाथी भी शामिल
इस दल में 34 नर हाथी, 64 मादा, 40 बच्चे शामिल है। हाथियों के इस दल में बोरो के खम्हार बीट में सर्वाधिक 32 हाथी, छाल के हाटी बीट में 2 हाथी, धरमजयगढ़ के पोटिया बीट में 12 हाथी, धरमजयगढ़ के कोयलार बीट में 10 हाथी, कापू के कुमरता पूर्व बीट में 11 हाथी के अलावा धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के अलग-अलग बीट में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। इसी तरह रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा के कटंगडीह बीट में सर्वाधिक 13 हाथी है, नवापारा में 8, कांटाझरिया में 4, कमतरा में 3 के अलावा कसडोल एवं तमनार के केराखोल पूर्व में एक-एक हाथी हैं विचरण कर रहे हैं।
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