बिलासपुर। श्रीवास धर्मशाला मंगला चौक बिलासपुर मे आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस के उद्बोधन मे आचार्य पंडित डॉ. सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने भागवत को भवरोग की महौषधि, अमृत से भी उत्कृष्ट तथा भक्ति ज्ञान और वैराग्य का समुच्चय बतलाया। उन्होने रविवार से सोमवार तक के सप्ताह को प्रत्येक व्यकि के जीवन का आधार तथा राजर्षि परीक्षित को जीव का प्रतिनिधि कहा। श्रीमद्भागवत की कथा को सर्वप्रथम भगवान विष्णु ने ब्रम्हा जी से, ब्रम्हा जी ने सनकादि ऋषियो से, सनकादि ऋषियो ने देवर्षि नारद से नारद जी ने व्यास नारायण से ,व्यास ने शुकदेव ने, शुकदेव जी ने राजर्षि परीक्षित से और सुत जी ने शौनकादि ऋषियो से यह बाते कही। शुकदेव जी ने देवताओ तथा उनके द्वारा प्रदत्त अमृत की उपेक्षा कर राजर्षि परीक्षित को कथामृत पान कराया। डॉ. तिवारी ने नवसंवत्सर की सभी को हार्दिक बधाई दी।
कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद् भगवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन
भव्य कलशयात्रा का शुभारंभ श्रीवास धर्म शाला से बैंड-बाजे व आतिशबाजी के साथ नगर भ्रमण करते हुए श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर बिलासपुर से श्रीमद्भागवत पोथी व श्रीलड्डुगोपाल जी को लाकर स्थापना के द्वारा सम्पन्न हुई। इस अवसर पर पं नीरज तिवारी, पंडित मुकेश शर्मा यजमान हरनारायण श्रीवास, निर्मला श्रीवास सत्यप्रकाश संजीता श्रीवास, विवेक कविता श्रीवास, शिवकुमार गायत्री श्रीवास, पदाधिकारीगण अध्यक्ष सुरेंद्र श्रीवास, सचिव चंद्रमणि श्रीवास, कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास, सह कोषाध्यक्ष बसंत श्रीवास, सह सचिव सुमित श्रीवास, प्रमोद गुरुजी, हिलेश गुरुजी, दुर्गेश श्रीवास, राजेश श्रीवास, पुरुषोत्तम, अशोक, दीपक, चित्रकांत, नवीन, संजू, शुभम सहित काफी संख्या मे श्रद्धालु उपस्थित थे।