हड़बड़ाए जिला प्रशासन की टीम ने अस्पताल पहुंचकर की शवों की पतासाजी प्रशासन करेगा परिजनों की तलाश, नहीं आने पर करेगा अंतिम संस्कार रायपुर। कोविड 19 से मृत तीन मरीजों के शव अंबेडकर अस्पताल रायपुर के मर्चुरी में चार साल से लावारिश पड़े है। शव लेने के लिए एम तो परिजन पहुंचे और न ही जिला प्रशासन ने परिजनों की तलाश के लिए कोई प्रयास किया। अंतिम संस्कार के इंतजार में शव खराब (डिकमपोज) हो चुके है। जानकारी मिलने पर बुधवार को जिला प्रशासन के हड़बड़ाए अधिकारी अंबेडकर अस्पताल पहुंचे और शवों की जानकारी ली। शवों के नाम मिल गए है, जिसके आधार पर उनके परिजनों से संपर्क किया जाएगा। इनके शव है अस्पताल में
जिला अस्पताल की टीम बुधवार की सुबह तत्काल अस्पताल पहुंची और लावारिस पड़े शवों के बारे में पड़ताल की। बताते हैं कि तीनों शवों के नाम का पता चल गया है। जिनके नाम दुकलहीन बाई बलौदाबाजार (43 साल), जबार सिंह और पंकज हैं। जबार के शव को हेरिटेज अस्पताल और पंकज के शव को रामकृष्ण केयर अस्पताल से अम्बेडकर अस्पताल की मरचुरी में लाया गया था। शवों को ले जाने के लिए उनके कोई भी रिश्तेदार अस्पताल नहीं पहुंचे। शवों के खराब होने की जानकारी मिलने पर अंतिम संस्कार किए जाने के संबंध में अस्पताल प्रबंधन की ओर से तीन-चार बार जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया परंतु प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि निजी अस्पतालों से आए शवों के नाम के अलावा कोई भी रिकॉर्ड उनके पास नहीं है। अब प्रशासन की ओर से संबंधित मृत मरीजों के रिश्तेदारों से संपर्क किया जाएगा। जिसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिखा गयाः नेताम
अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम ने कहा कि फोरेंसिक विभाग की ओर से मिली जानकारी के आधार पर शवों के अंतिम संस्कार किए जाने के संबंध में जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखा गया परंतु कोई जवाब नहीं आया। तीन में से दो शव निजी अस्पतालों से रखने के लिए भेजे गए थे। सरकारी अस्पताल होने के कारण कोरोना के समय बड़ी संख्या में शव रखे गए थे। कई शवों का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन के अधिकारियों की निगरानी में हुआ।