दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 25 मई 2013 के झीरम घटी नक्सल हमले में बड़ी साजिश के आरोप में दर्ज प्राथमिकी में छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ दायर एनआइए की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। हमले में कांग्रेस नेताओं समेत 32 लोगों की मौत हुई थी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टि मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि माफ करें, हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे। याचिका खारिज की जाती है।
कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हुआ था हमला
2013 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बस्तर जिले की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला कर दिया जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचारण शुकल सहित 32 लोगों की मौत हो गई थी।
जितेंद्र मुदलियार ने लगाई थी याचिका
2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद झीरम हमले में मारे गए राजनांदगांव के कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने झीरम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। षड्यंत्र का राजफाश नहीं होने पर याचिका लगाकर इसकी जांच छत्तीसगढ़ पुलिस से कराने की अपील की थी। एनआइए ने इस पर आपत्ति लगाई थी।
अब साफ हो जाएगा : भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा है कि झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है। कहने मात्र को एनआइए ने जांच की, अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षड्यंत्र रचा था, सब साफ हो जाएगा।
जेब में सबूत रखने वाले बताएं : रमन
पूर्व सीएम डा. रमन सिंह ने एक्स पर जवाब देते हुए लिखा है कि दाऊ भूपेश बघेल जी, षड्यंत्र का पर्दाफाश होना चाहिए, पर यह तो बताइए कि 2018 से पहले जिन्होंने झीरम के सबूत जेब में होने का दावा किया था, उनका क्या होगा? पांच साल तक आपने गंभीर मुद्दे का राजनीतिक लाभ ही लिया।