समय कम, दीपावली त्यौहार और सीटें अधिक होने से प्रदेश में मची राजनीतिक हलचलें 

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दूसरे चरण की रणनीति और पहले चरण की चुनावी गणित में उलझे प्रदेश के नेता

संतोष कुमार श्रीवास मो. 9098156126
बिलासपुर, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुल 90 में से 20 सीटों पर पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया। दूसरे चरण में 70 सीटों के लिए घमासान शुरू हो चुका है। जिसके लिए 17 नवंबर की तिथि तय हो चुकी है। 15 नवंबर को प्रचार थम जाएगा। साथ ही दीपावली जैसे बड़े त्यौहार होने से प्रत्याशियों को अधिक टेंशन हो गया है। समय कम और दूरी ज्यादा होने के कारण प्रत्याशी सुबह से निकल जा रहे है। देर रात तक जब प्रत्याशी प्रचार से वापस आ रहे और सुबह से फिर निकलने में जुट जा रहे है। जिससे सिरदर्दी और भी  बढ़ गई है। कई प्रत्याशी अपनी सेहत को लेकर चिंचित भी हो रहे है। उनके पास एक दिन भी आराम का समय नहीं है।
बस्तर के बारह सीट
बस्तर की जनता ने कभी कमल खिलाया तो कभी कांग्रेस का हाथ थामा है, इसलिए नेताओं के लिए यहां की जनता के मिजाज को समझना आसान नहीं है। सन् 2003 के चुनाव में कांग्रेस 03 और भाजपा 09 सीटों पर कब्जा किया हुआ था, सन् 2008 के चुनाव में कांग्रेस 01 और भाजपा 11 सीटों पर थी। सन् 2013 में कांग्रेस 8 तो भाजपा 04 में सिमटी थी। सन् 2018 में कांग्रेस पूरे 12 में 12 सीटों पर कब्जा कर सबको चौकाया था जबकि भाजपा की झोली खाली रही।
20 में 18 लाने का दावा
पहले चरण के चुनाव में कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दलों ने 18 सीट लाने का दावा किया है। कांग्रेस के भूपेश बघेल और भाजपा के रमन सिंह दोनों ही सार्वजनिक मंच पर 18-18 सीट लाने का दावे कर रहे है।
ज्यादा मतदान से विशेषज्ञ भी हैरान
इस बार बस्तर में लगभग 78 प्रतिशत मतदान हुआ है। राजनीतिक विशेषज्ञ इस बात से इंकार नहीं कर रहे कि चुनावी घोषणा भी प्रभावशील हो सकता है। बड़े-बड़े स्टार प्रचारक भी इस क्षेत्र में डेरा जमाए हुए थे। नतीजे और चौकाने वाले होने के आसार है।

 

 

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