दिलहरन श्रीवास बेलगहना की विशेष रिपोर्ट
बेलगहना, बिलासपुर। श्री सिद्ध बाबा आश्रम बेलगहना अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ आध्यात्मिक चेतना के स्रोत के रूप में समूचे क्षेत्र में जाना जाता है। स्वामी सहज प्रकाशनंद जी के बाद स्वामी सदानंद जी महाराज एवम उन के पश्चात स्वामी शिवानंद जी महाराज के द्वारा लोगों के अंदर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का कार्य किया जा रहा है। परमहंस संप्रदाय से संबंधित यह आश्रम अपने आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक, आश्रम व्यवस्था से जुड़ा हुआ एक विशिष्ट गुरु शिष्य परंपरा एवम् संस्कृति का केंद्र रहा है। दूर दूर से लोग अपनी मन्नते लेकर सिद्ध बाबा के चरणों में आते हैं और अपने मनोवांछित फल प्राप्त करते है। श्री सिद्ध बाबा जी का मंदिर से लेकर अमरनाथ जी के मंदिर तक मंदिरों की एक बड़ी संख्या है जिसमें पारदेश्वर लिंग, तारापीठ, काली पीठ, महाकाल, मनसा देवी आदि धार्मिक आस्था का केंद्र हैं।
रातभर चलता है शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम
सिद्ध बाबा परिसर में भी भव्य शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर दूर दूर से आए हुए शास्त्रीय संगीत के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। यह कार्यक्रम इस वर्ष ठीक 7:30 बजे आरंभ हो जाएगा जिसमें दूर दूर से आए हुए कलाकार स्वामी जी का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने कला का प्रदर्शन जन समुदाय के बीच कर सकेंगे। तत्पश्चात प्रभात वेला में प्रसाद के वितरण का कार्यक्रम समिति के सदस्यों द्वारा किया जावेगा।
दमा रोगियों के लिए निःशुल्क दी जाती है दवाई
बेलगहना के लक्ष्मी नारायण मंदिर में दमा रोगियों के लिए खीर के साथ दवाई की व्यवस्था भी प्रतिवर्ष की जाती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु यहां प्रसाद पाकर स्वास्थ्य लाभ लेते हैं।
चंद्रमा है बेहद शक्तिशाली
पंडित निर्मल शर्मा के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा बेहद शक्तिशाली होती है इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होती है और चंद्रमा से अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा के दिन खीर को खुले आसमान के नीचे रखना चाहिए तथा इसके सेवन से व्यक्ति को औषधि गुण की प्राप्ति होती है। मान्यता है। शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी का प्रकट हुआ था इसलिए इस दिन को लक्ष्मी जी के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण देर रात 1:06 पर लगेगा। चंद्र ग्रहण का समापन 29 अक्टूबर को अपरान्ह 2:22 तक होना है। इसका सूतक कल 28 अक्टूबर को दोपहर 2:52 बजे से लग जाएगा। इस साल शरद पूर्णिमा के दिन सौभाग्य योग, सिद्धि योग, बुधादित्य योग, गजकेसरी योग और शाशन योग का निर्माण हो रहा है।