बिलासपुर। सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 को है। इस दिन धरती पर आए पितरों को याद कर उन्हें विदाई दी जाती है। कहते हैं पितृ पक्ष में अगर आपने पूर्वजों का तर्पण, श्राद्ध नहीं किया है तो सर्व पितृ अमवास्या पर तिलांजलि कर उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें। आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि शुक्रवार, 13 अक्टूबर को रात्रि 9 बजकर 52 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन शनिवार, 14 अक्टूबर को रात्रि 11 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। पितृ पक्ष इस दौरान पितरों की पूजा करना शुभ माना जाता है। …
पितृ पक्ष में नित्य यह कार्य जरूर करे,,
सूर्य देव को जल अर्पित करना, दीपक जलाना, गाय को पालक खिलाना, पितरों को जल का तर्पण करना और दान करना।
कैसे दे पितरों को तर्पण
किसी शुद्ध स्थान पर जमीन में रोली से सतिया (स्वास्तिक) बनाएं और फिर उस पर जल व रोली के छींटे लगाकर पुष्प चढ़ा दें। तर्पण करें और भोजन कराएं। पितृ विसर्जनी अमावस्या को ज्ञात-अज्ञात सभी पितरों का स्मरण किया जाता है और उनके निमित तर्पण, दान और दीपदान होता है।