प्रदेश भर में उठ रही जांच की मांग
रायपुर, बिलासपुर। महासमुंद जिले में पदस्थ सहायक संचालक कृषि ऋचा दुबे का श्रवण बाधित का दिव्यांगता प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर शासन उन्हें बर्खास्त कर दिया है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने 56 लोगों की सूची शासन को भेज कर उनके दिव्यांगत प्रमाण पत्र के फर्जी होने का दावा किया है, जांच शुरू होने पर यह पहली कार्रवाई है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राधा कृष्ण गोपाल ने कहा ज्यादातर दिव्यांगता प्रमाण पत्र बिलासपुर और मुंगेली के दो डॉक्टरों के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं, इनमें से एक बिलासपुर में महत्वपूर्ण पद पर हैं।
बिलासपुर में भी चार आरएईओ एवम एक सहायक ग्रेड 3 संदेह के दायरे में
कृषि विभाग में पदस्थ चार आरएईओ ( ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी) और कलेक्ट्रेट में कार्यरत सहायक ग्रेड 3 के दिव्यांगता प्रमाण पत्र की फर्जी होने की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर सभी पांचो कर्मचारियों के मेडिकल प्रमाण पत्र को राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच करने का आदेश जारी किया है।
जांच होने पर कई और लोगों का नाम आएंगे सामने
ज्ञात हो की राज्य शासन की ओर से 2016 और 2018 में दिव्यांगों की विशेष भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। सबसे पहले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पद के लिए भर्ती हुई। आरोप है कि इसमें 50 ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई है जिन्होंने श्रवण बाधित होने का फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र पेश किया है। इसी तरह तीन कृषि शिक्षक के पद पर काम कर रहे हैं। कड़ी जांच हो तो कई ऐसे लोगों का नाम सामने आ सकता है जो फर्जी सार्टिफिकेट से नौकरी कर रहे है।