दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च 26 सितंबर बिलासपुर में, कल करेंगे रायपुर का घेराव

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चुनाव में 7 प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर कल रायपुर में जंगी प्रदर्शन

पांव में चप्पल नही, चलने के लिए पैर नहीं और तो और कई लोग न तो सुन पा रहे न देख पा रहे। फिर भी तपती धूप में मुंगेली से रायपुर तक का सफर पैदल ही चलने ठान लिए है। आखिर ऐसे दिव्यांग जनों को क्यों सरकार के पास गुहार लगाने की जरूरत आन पड़ी। शासन प्रशासन दिव्यांगजनो के मांगों को अनदेखा क्यों कर रही है। रैली में शामिल होने आए दिव्यांगजनों को देख कर लगता है कि इनके जज्बे को सलाम किया जाए। साथ ही प्रशासन भी कोई ठोस पहल कर दिव्यांगों के हित में फैसला ले।
संतोष कुमार श्रीवास 9098156126
बिलासपुर। विभिन्न मांगो के लेकर दिव्यांगजन 25 सितंबर को मुंगेली से काली पट्टी लगाकर दिव्यांगजन सम्मान पैदल मार्च निकालकर अपने साथ हो रहे अत्याचार व दिव्यांग कोटे में फर्जीवाड़ा करने वाले, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने वाले डॉक्टर के नाम को उजागर करते हुए मुंगेली से बिलासपुर, रायपुर तक पदयात्रा करेंगे।

आज बिलासपुर में कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन

आज 26 सितंबर को उसलापुर से कलेक्टर कार्यालय नेहरू चौक तक पदयात्रा रखा गया है। ज्ञापन सौंपने के पश्चात तिफरा तक यात्रा निकलेगी। कल जोरा रायपुर से तेलीबांधा होते हुए कलेक्टर कार्यालय, मुख्यमंत्री निवास एवं राज्यपाल निवास तक दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च करेंगे।

ये है प्रमुख मांगे

दिव्यांगजनों के प्रमुख मांगों में फर्जी दिव्यांग जनों का राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यगता का भौतिक परीक्षण कराकर फर्जियों को बर्खास्त किया जाए। छत्तीसगढ़ शासन के दिव्यांग कोटे से कार्यरत समस्त शासकीय कर्मचारियों के दिव्यांगता की भौतिक परीक्षण प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी का राज्य मेडिकल बोर्ड से तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी का संभागीय मेडिकल बोर्ड करने हेतु परिपत्र सामान्य प्रशासन विभाग से जारी किया जावे। समस्त दिव्यांग कोटे के बैकलॉग पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया जावे। दिव्यांगजनों को प्रतिमाह ₹5000 मासिक पेंशन दिया जावे एवं बीपीएल की बाध्यता खत्म किया जाए। निशक्तजनों से संबंधी समस्त मंडल आयोग के अध्यक्ष एवं संभवत सभी सदस्य दिव्यांग व्यक्ति को ही बनाया जाए, जिससे जिला मेडिकल बोर्ड में अन्य विभाग के दिव्यांग अधिकारी को प्रतिनिधि रखा जाए जिससे फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र न बन सके। पंचायत, नगरी निकाय, विधानसभा लोकसभा एवं राज्यसभा में देंगे दिव्यांग जनों को 7% आरक्षण दिया जाए। सभी जिला कार्यालय में दिव्यांग हेल्फ डेस्क बनाई जाए जिसमें प्रतिनिक्ति पर दिव्यांग कर्मचारी ही को ही रखा जाए, जिससे संबंधित दिव्यांगजनों को शासकीय योजनाओं का लाभ एवं जानकारी समय पर सही रूप से प्राप्त हो जाए। समाज कल्याण विभाग में दिए गए सहायक उपकरण गुणवत्तविहीन रहता है एवं समाज कल्याण विभाग में दिव्यांगों के नाम पर आवंटित शासकीय राशि आहरित कर फर्जी बिलों के माध्यम से कार्यालय द्वारा गबन किया जा रहा है, जिसकी जांच सीबीआई या एंटी करप्शन ब्यूरो से कराई जाए। राष्ट्रीय दिव्यांग पुनर्वास कार्यक्रम समस्त जिलों में लागू कर सभी जिलों में दिव्यांग दिव्यांग मितान की नियुक्ति की जाए एवं मानदेय 3000 रुपए किया जाए।
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