बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहां छत्तीसगढ़ के प्रत्येक त्योहार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसी कड़ी में गत दिवस डा. सीवी रमन विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व पोला धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बैल की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की गई। छत्तीसगढ़ पर्व से संबंधित प्रश्नोउत्तरी का भी आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने उत्साह से हिस्सा लिया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी शोध एवं सृजनपीठ के अध्यक्ष डा. अरविंद तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ी शोध एवं सृजनपीठ व छत्तीसगढ़ी कला व संस्कृति केंद्र की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य परंपराओं का संरक्षण भी है। युवाओं को अपनी परंपराओं की वास्तविक और आदर्श रूप में जानकारी मिले और वे इस जीवन शैली को स्वीकार करें। इस लिए सभी पर्व विश्वविद्यालय में मनाया जाता है। इस अवसर पर कुलसचिव ने कहा की खेती किसानी का काम समाप्त हो जाने के बाद भाद्र पक्ष की अमावस्या को यह त्यौहार मनाया जाता है. पोला त्योहार मनाने के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन अन्नमाता गर्भ धारण करती है. वही कुलपति ने कहा की पोला महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा बैल और बैलों के महत्व को स्वीकार करने के लिए मनाया जाने वाला एक धन्यवाद त्योहार है, जो कृषि और कृषि गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पोला पर्व में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक व पदाधिकारी उपस्थित रहे।