आतंकियों को पाकिस्तान से “मिलती थी आनलाइन ट्रेनिंग”
इस्लामिक स्टेट के दोनों आतंकियों पर 11 लाख 70 हजार का जुर्माना भी
24 अक्टूबर, 2016 को कानपुर में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य को मारी थी गोली
लखनऊ । माथे पर तिलक देखकर कानपुर में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य की हत्या करने वाले आतंकियों को लखनऊ की विशेष यात्रियों अदालत (एनआइए एटीएस) ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट केंद्र में ने दोनों पर 11 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने कहा कि दोषियों का अपराध विरलतम से विरल श्रेणी का है, इसे सामान्य हत्या की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। गुरुवार को कोर्ट ने वर्चुअल माध्यम से फैसला सुनाते हुए कहा कि लोक विश्वास को बनाए रखने के लिए दोषियों को समुचित दंड से दंडित किया जाना न्यायोचित है। बता दें, चार सितंबर को कोर्ट ने दोनों आतंकियों को दोषी करार दिया था और सजा पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
आतंकियों को सजा सुनाए जाने के बाद वर्तमान में राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि आतंकियों का यह गिरोह पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से आनलाइन ट्रेनिंग लेता था। घटना के संबंध में जानकारी के अनुसार 24 अक्टूबर, 2016 को रमेश बाबू को उनके हाथ में बंधे लाल पीले धागे (कलावा) व माथे पर लगे तिलक से उनकी हिंदू पहचान सुनिश्चित करके हत्या की थी। दोनों आतंकियों के खिलाफ मृतक के बेटे अक्षय ने मुकदमा दर्ज कराया था।